Gwalior : 2017 में एक हादसे में अपने दोस्त को बचाने के लिए अजित (AJIT YADAV) अपना एक हाथ गंवा बैठे थे. एक साल तक परेशानियों से जूझने के बाद उन्होंने पैरा ओलंपिक एथलीट के तौर पर पहचान बनाने का संकल्प लिया. इसी दृढ़ संकल्प के साथ वो मैदान में उतरे और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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